
देशभक्ति पहले, क्रिकेट बाद में: खिलाड़ियों ने बांधी ‘काली पट्टी’ आज का मुकाबला महज एक क्रिकेट मैच नहीं था — यह एक संवेदना का संदेश भी था। भारत के खिलाड़ियों ने मैदान पर उतरने से पहले काली पट्टी बाँधकर 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम हमले में शहीद हुए नागरिकों को श्रद्धांजलि दी।
जब बाउंसर आए मैदान में और ग़ुस्सा आंखों में, तो पता चल जाता है कि ये सिर्फ खेल नहीं — बदले की भावना भी है!
Opening Scene: Toss, टेंशन और पाकिस्तान की बेताबी
टॉस जीतते ही पाकिस्तान ने बल्लेबाज़ी का फैसला किया, शायद यह सोचकर कि पहले रन बनाएंगे और बाद में टीवी तोड़ने से बचेंगे। लेकिन भाई, फॉर्मेट कुछ भी हो — भारतीय बॉलर्स का स्वैग तो वही रहता है।
पंड्या का पहला ओवर — अयूब की दूसरी डक-ट्रिक!
हार्दिक पंड्या ने आते ही सईम अयूब को बिना टिके वापस भेजा — मतलब बॉल पहले निकली या पैर? खुद अयूब को समझ नहीं आया। बुमराह ने वहीं से पकड़ लिया जहां से पिछली बार छोड़ा था — अगली गेंद फुल बाउंस, फिर यॉर्कर, और पाकिस्तान के बल्लेबाज़ ढूंढते रह गए:
“किधर से आई यार!”
फखर ज़मान का थोड़ा फखर, थोड़ा शोर
फखर ज़मान ने हार्दिक के ओवर में दो चौके जड़े, एक पुल, एक ड्राइव — और लगा कि आज कुछ कर दिखाएंगे। लेकिन भाई, बुमराह नाम है, तो डर भी लाजिमी है। एक DRS से तो बचे, लेकिन ज्यादा दिन की मोहलत नहीं है। ये इंडिया है, यहाँ माफ़ी नहीं मिलती — सिर्फ इनस्विंग यॉर्कर मिलती है।
“पाक ने टॉस जीत लिया ठीक है, हमने मैच प्लान किया है — वही काफी है।“
मतलब सीधा संदेश — जिन्होंने नीली जर्सी पहनी है, वो जीत के लिए ही पैदा हुए हैं।
पाकिस्तान का फिर से टूटा ‘टीवी-ट्रस्ट’
इस मैच से पहले ही पाकिस्तान के फैंस ने गूगल कर लिया था:

“TV insurance kaise lein India match se pehle?“
हर बार की तरह इस बार भी अंदेशा है कि कराची में टीवी स्क्रीन की उम्र एवरेज 6 ओवर ही रहने वाली है।
सुपर 4 में एक पांव
इस मैच की जीत सिर्फ सुपर-4 में एंट्री नहीं, बल्कि एक साइकोलॉजिकल बढ़त भी है। जब विरोधी टीम मैदान में काली पट्टी देखकर भी गेंद की लाइन नहीं पकड़ पाई, तो भाई — खेल में क्या ही पकड़ेंगे?
यह मैच साबित करता है — क्रिकेट भारत में सिर्फ खेल नहीं, संवेदना, संदेश और सम्मान का माध्यम है। जहां एक बॉल विकेट लेती है और एक काली पट्टी दुनिया को झटका देती है।
“बिहार अब सिर्फ बुद्ध का नहीं, बाण का भी भूमि है! बिहार ने मारा कांस्य!

